लॉकडाउन में आँगनवाड़ी कार्यकर्ता घर-घर पहुँचा रहीं" रेडी टू ईट" पोषण आहार
अभी तक लगभग 60 लाख हितग्राहियों को प्रदाय की गई सामग्री     नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए किए गए टोटल लॉकडाउन के दौरान भी आँगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने कर्त्तव्यों का निर्बाध रूप से पालन कर रही हैं। आँगनवाड़ी केन्द्रों के बंद रहने की स्थिति में आँगनवाड़ी सेवा से सम्बद्ध 6 माह से 6 वर्ष तक …
सामुदायिक किचन शेड से लौटी हजारों चेहरे पर खुशी
कहते हैं कि भूखे को भोजन कराना सबसे बड़ा पुण्य होता है। विश्व के बहुतायत देशों के साथ ही हमारे आज समूचे देश में कोरोना वायरस का आतंक छाया हुआ है। इसका मूलभूत उपाय है- इंसान से इंसान की दूरी। इसे सुनिश्चित करने के लिए पूरा देश लॉक डाउन की स्थिति काक सामना कर रहा है। लॉक डाउन का सख्ती से पालन तय करा…
गरीबों को राशन वितरण की 25 श्रेणियाँ घोषित
राज्य शासन ने राशन कार्ड विहीन राज्य की निर्धारित श्रेणी के 32 लाख परिवारों को कोरोना कोटा में एक माह का राशन 5 किलो प्रति व्यक्ति (04किलो गेंहू, 01 किलो चावल, या 05 किलो गेहूं) निःशुल्क प्रदान करने का निर्णय लिया है। इन परिवारों को केन्द्र सरकार द्वारा भी 3  माह का निःशुल्क राशन प्रदान किया जाएगा।…
संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु पर अंतिम संस्कार उसी शहरी सीमा में करने के निर्द
कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु के बाद मृत शरीर का अंतिम संस्कार उसी शहर की सीमा में किया जायेगा, जहाँ उसकी मृत्यु हुई है। इससे मृत शरीर से होने वाले संक्रमण को रोका जा सकेगा। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण आयुक्त श्री फैज अहमद किदवई ने इस संबंध में सभी कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, चिकित्सा मह…
कोरोना मरीजों को बचाने के लिए करें हर संभव प्रयास : मुख्यमंत्री श्री चौहान
संक्रमण अन्य स्थानों पर न फैले ; प्रदेश में कोई भूखा न सोए मुख्यमंत्री ने की कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा     मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना से संक्रमित प्रत्येक मरीज को बचाने के हर संभव प्रयास किये जाएं। बचाने की रणनीति पर गहनता से कार्य करें। प्रदे…
किसानों को ऋण-मुक्त कर समृद्ध बनाने के लिए हुए क्रांतिकारी फैसले
प्रदेश की कृषि प्रधान अर्थ-व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिये जरूरी है कि किसान चिन्ता-मुक्त हो, उसके पास आमदनी के स्थाई इंतजाम हो और उसे समय पर आवश्यक वित्तीय सहयोग भी मिले। मध्यप्रदेश में राज्य सरकार ने इस शाश्वत सत्य को सिर्फ स्वीकार ही नहीं किया है बल्कि अपने प्रारंभिक अल्प-काल में ही इस दिशा में …